Not known Details About Shodashi
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॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरीचक्रराज स्तोत्रं ॥
बिंदु त्रिकोणव सुकोण दशारयुग्म् मन्वस्त्रनागदल संयुत षोडशारम्।
॥ इति त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः सम्पूर्णं ॥
Probably the most revered amongst these could be the 'Shodashi Mantra', which can be claimed to grant the two worldly pleasures and spiritual liberation.
षोडशी महाविद्या : पढ़िये त्रिपुरसुंदरी स्तोत्र संस्कृत में – shodashi stotram
ॐ ह्रीं श्रीं क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं सौः
You should explain to me this kind of yoga which can give salvation and paradise (Shodashi Mahavidya). You happen to be the sole theologian who may give me the complete awareness During this regard.
website बिंदु त्रिकोणव सुकोण दशारयुग्म् मन्वस्त्रनागदल संयुत षोडशारम्।
हार्दं शोकातिरेकं शमयतु ललिताघीश्वरी पाशहस्ता ॥५॥
कामेश्यादिभिराज्ञयैव ललिता-देव्याः समुद्भासितं
यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी कवच स्तोत्र संस्कृत में – tripura sundari kavach
केयं कस्मात्क्व केनेति सरूपारूपभावनाम् ॥९॥
वन्दे वाग्देवतां ध्यात्वा देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥१॥
सर्वभूतमनोरम्यां सर्वभूतेषु संस्थिताम् ।